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भारतीय ग्रामीण परिषद् व नव भारतीय शिक्षक विचार मंच के संयुक्त तत्वावधान में नजफ़गढ़ के राणा जी एंकलेव स्थित किसान सभागार में दिनांक 10 मार्च को ग्रामीण कवि वसन्त उत्सव सम्मेलन का सफल आयोजन सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे 30 युवा कवियों ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन काव्य पाठ किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो० धनंजय जोशी ने की। सुप्रसिद्ध हरियाणवि हास्य कवि डा० पंकज श्याम व मास्टर रविंद्र धनख़ड़ प्रधान इस कवि सम्मेलन के मुख्य सूत्रधार थे।इस कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि चौ० रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद हरियाणा के कुलपति प्रोफ़ेसर राजबीर सोलंकी व विशिष्ट अतिथि भाजपा महिला मोर्चा हरियाणा की प्रदेश सचिव सुश्री राकेश कुमारी मलिक जी थी।विशेष आमंत्रित अतिथि यमुना विहार के एस॰डी॰एम॰ श्री देवेंद्र उपाध्याय जी व मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के अवर सचिव श्री दलबीर सिंह जी थे।कार्यक्रम का शुभारम्भ सभी आमंत्रित कवियों द्वारा माँ सरस्वती को पुष्पांजलि भेंट करते हुए व मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन करते हुए किया गया ।मुख्य अतिथि द्वारा प्रो० जोशी को द्वारका क्रीएटिव फ़ोरम द्वारा घोषित  द्वारका श्री साहित्य सृजन 2018 का वार्षिक पुरस्कार उनकी नव प्रकाशित काव्य रचना मधुर स्मृति कमल हेतु प्रदान किया गया। इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के नेत्र दिव्यांग विधि छात्र व सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार धीरज बाल्यान ने समसामयिक भौतिकवाद जीवन पर केंद्रित अपनी दो ग़ज़लों से ख़ूब वाहवाही लूटी।तत्पश्चात हास्य रस की बयार लिए वरिष्ठत म कवि श्री राजेंद्र चंचल ने जब अपने काव्य पाठ के माध्यम से गम्भीर राष्ट्रीय विषयों जैसे स्वच्छता अभियान आदि पर चुटीले परंतु गम्भीर लतीफ़े सुनाने आरंभ किए तो श्रोता हँसी से लोटपोट हो गए।इसके बाद श्री वीर रस के सुप्रसिद्ध कवि श्रमेश गंगेले अनंत ने सरस्वती जी को नमन करते हुए राष्ट्रप्रेम का अर्थ व सैनिकों की महता व बलिदान से सदन को अवगत कराया ।राष्ट्रप्रेम के इसी क्रम को ओजपूर्ण वाणी में युवा कवि कृष्ण गोपाल,विवेक कुशवाह व अमित प्रकाश जी ने राष्ट्रवाद का अलख जगाती अपनी कविताओं के माध्यम से सदन को जीवंत कर दिया।आइ० पी० यूनिवर्सिटी के अंग्रेज़ी प्राध्यापक डा० नरेश वत्स जी ने समसामयिक विषयों व प्यार मुहब्बत का पैग़ाम देती अपनी कुछ लाजवाब नज़्में पेश की वहीं उनके सहकर्मी डा० राजीव रंजन जी द्वारा कवि के सामाजिक सरोकारों से लेकर नागरिकों के राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों को बख़ूबी स्मरण कराती अपनी काव्य रचनाओं का पाठन किया जो श्रोताओं को ख़ूब भाया।खेड़ी-ज़ट्ट (झज्जर) के युवा हरियाणवि कवि सुमीत गुलिया ने ठेठ सुरीली हरियाणवि में बेटी-बचाओ-बेटी पढ़ाओ,दहेज कुप्रथा जैसे संवेदनशील विषयों पर आधारित कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को झकझोर कर रख दिया व ख़ूब तालियाँ हासिल की।।कार्यक्रम के अंत में मंचासीन विशिष्ट अतिथि एस॰डी॰एम॰ देवेंद्र उपाध्याय व डा० राकेश कुमारी मलिक द्वारा सभी कवियों को स्मृति चिन्ह व पुस्तक भेंट की गई। कार्यक्रम का समापन सभी को हार्दिक धन्यवाद करते हुए राष्ट्रगान से किया गया । 

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