reporter.cnpn@gmail.com
विवेक शर्मा, नई दिल्ली,  कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र ने फूलों की एक अनूठी प्रदर्शनी आयोजित की है जिसके उदेश्य विश्व में 'एकीकरण, शांति और आजादी' का सन्देश है| प्रदर्शनी में कोरिया और भारत के कलाकारों ने दक्षिण व् उत्तर कोरिया को प्रकृति के माध्यम से जोड़ने का प्रयास किया है| कलाकारों ने प्राकृतिक फूलो, पत्तों, स्याही, ब्रश और चावल के बने पेपर का प्रयोग किया है| प्रदर्शनी में चारो ऋतुओं की सुंदरता बखूबी दिखी है| इसमें 19 कलाकारों ने भाग लिया है, आप इसका लुफ्त 24 मार्च तक कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र में उठा सकते है|
कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक - किम कुम प्योंग ने सभी कलाकारों को सराहा| कलाकार चोई योगहै ने कोरिया के दोनों देशों के बीच स्थित विद्रोहीकरण क्षेत्र को भी एक झील के द्वारा दिखलाया है| यह एक ऐसा डिवीजन जोन है जिसे दोनों देशो के नागरिक पार नहीं कर सकते| वही दूसरी ओर इंक पैंटिग द्वारा पंक्षियों को दिखलाया है जिनके लिए इंसान द्वारा बनाये गये इन सरहदों का कोई वजूद नहीं|
स्नेहा नेगी ने अपने इंक पेंटिंग से बनाये कलाकृति में दोनों देशो के मुख्य पहाड़ो को एक साथ उकेरा है - जिससे वह कहना चाहती है की मनुष्य ने यह भेद भाव शुरू किया है, प्रकृति सभी को एक सामान्य देखती है|  
कलाकार - के चंग ने अपने इंक पेंटिंग के माध्यम से लाल और सफ़ेद फूलों को एक साथ दिखलाया है - जहा सफ़ेद फूल दक्षिण कोरिया और लाल फूल उत्तर कोरिया को दर्शाते है| 

Post a Comment

Powered by Blogger.