बॉलीवुड के मशहूर कलकाल इरफ़ान खान ने बकरीद पर लाखों करोडो निर्दोष जानवरों के कत्लेआम पर सवाल उठाये है।  एक कार्यक्रम के दौरान इरफ़ान खान ने कहा की, क़ुरबानी तो अपने की दी जाती है।  आप 2 दिन पहले बाजार से 2 बकरो को खरीद लाते हो और क़ुरबानी के नाम पर उनका क़त्ल कर देते हो इस से कौन सी दुआ कुबूल होती है ? उन बकरो से आपका कोई लेना देना नहीं वो आपके अजीज नहीं फिर उनकी क़ुरबानी कैसे कुबूल होगी।  क़ुरबानी अपने की देनी होती है, अपने बच्चे की दो 
आपको बता दें की बकरीद के नाम पर हर साल मुसलमान करोडो जानवरों का कत्लेआम करते है 
सड़कों पर खून ही खून बहाया जाता है और ये क़ुरबानी के नाम पर दी जाती है।  भारत के अधिकांश इलाकों में तो बकरो की क़ुरबानी दी जाती है पर मुस्लिम देशो जिनमे पाकिस्तान बांग्लादेश इत्यादि शामिल है उनमे गौहत्या की जाती है।  
अरब के देशों में ऊंट की भी हत्या की जाती है।  बकरीद के दिन लाखो करोड़ों जानवरों की चींख पुकार मच जाती है,  पर मीडिया तथा तथाकथित बुद्धिजीवी इस खून खराबे पर हमेशा मौन रहते है 


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