अपनी मूर्तिकला
से विदेशों
में भी
शहर का
नाम रोशन
कर रहे
राम वी
सुतार की
उपलब्धियों में एक और उपलब्धि
शामिल हो
सकती है।
गुजरात में
बनने जा
रही सरदार
वल्लभ भाई
पटेल की
'दि स्टेच्यू
ऑफ यूनिटी
' के निर्माण
के लिए
उनका नाम
सबसे ऊपर
है। पद्मश्री
87 ंवर्षीय मूर्तिकार आज भी अपनी
कला के
लिए समर्पित
है। महात्मा
गांधी की
सबसे बड़ी
कांस्य प्रतिमा
बनाकर इतिहास
रचने वाले
इस मूर्तिकार
की एक
ही तमन्ना
है कि
कुछ ऐसा
काम कर
जाएं, जिसे
देखने के
लिए विदेशों
से लोग
आएं और
शायद उन्हें
ये मौका
लौह पुरुष
की लौह
प्रतिमा से
मिल जाए।
तीन महीने
पहले पटेल
की प्रतिमा
के लिए
मांगा नाम:
राम वी
सुतार कहते
हैं कि
पटेल की
प्रतिमा बनाने
के लिए
उनका नाम
भी गया
है। गांधीजी
की प्रतिमा
वह बनाते
रहे हैं,
पटेल की
प्रतिमा बनाकर
भी उन्हें
खुशी मिलेगी।
पढ़ें: जलियांवाला
बाग के
मिंट्टी-पानी
से जुड़ेंगे
सरदार पटेलउनके
बेटे अनिल
राम वन
सुतार ने
बताया कि
गुजरात में
बनने जा
रही लौह
पुरुष की
प्रतिमा के
लिए तीन
माह पहले
उनकी नाम
मांगा गया
था। ये
नाम इस
प्रतिमा को
बनाने के
लिए टेंडर
भर रही
एलएंडटी और
जेएमसी कंपनी
ने मांगे
थे। उनका
नाम दोनों
कंपनियों की
सूची में
सबसे पहले
है। जनवरी
तक इन
दोनों कंपनियों
से इस
काम के
लिए सभी
दस्तावेज मांगे
गए थे।
अनिल सुतार
बताते हैं
कि उन्हें
टेंडर कंपनियों
के जवाब
का इंतजार
है।
गांधी के
बाद पटेल
की प्रतिमा
का इंतजार:
राम वी
सुतार ने
विदेशों में
70 से अधिक
गांधी प्रतिमाएं
बनाई हैं।
देश में
संसद, राजघाट
से लेकर
गांधीनगर सहित
गांधी जी
की मूर्तियां
बनाई। सबसे
छोटी तीन
इंच की
गांधी जी
की मूर्ति
इंदिरा गांधी
के समय
में उन्होंने
एक स्मारक
के मॉडल
के लिए
बनाई थी।
इसके बाद
गांधी की
कांस्य की
55 फीट की
सबसे बड़ी
मूर्ति पटना
के गांधी
मैदान के
लिए बनाई।
जेहन में
छा गए
थे गांधी:
राम वी
सुतार बताते
हैं कि
गांधी जी
के आह्वान
पर उनके
गांव में
विदेशी कपड़ों
की होली
जलाई जा
रही और
गांधी जी
पहुंचे थे।
उस वक्त
वह कक्षा
दो में
पढ़ते थे।
मन में
गांधी जी
कि छवि
ऐसी बसी
की, फिर
उतारे नहीं
उतरी। शिक्षक
रामकृष्ण जोशी
ने उन्हें
गांधी जी
की मूर्ति
बनाने को
कहा।
मूर्ति कला
से आत्मा
का रिश्ता:
वह कहते
हैं कि
उन्हें महसूस
होता है
जैसे उनका
इस कला
से आत्मा
का रिश्ता
है, जो
समय के
साथ और
मजबूत होता
जा रहा
है। वह
मुंबई में
स्टेच्यू ऑफ
लिबर्टी या
एफिल टॉवर
जैसा कुछ
बनाना चाहते
है, जिसे
देखने विदेशों
से लोग
आएं।
उपेक्षित है
देश में
कला : कई
पुरस्कारों से नवाजे गए और
देश में
50 से अधिक
ऐतिहासिक स्मारक
बनाने वाले
मूर्तिकार सुतार कहते है कि
कोई भी
कला या
कलाकार हो
हमारे देश
में उसे
यथा योग्य
महत्व नहीं
मिलता।
सरदार पटेल
को समर्पित
'दि स्टेच्यू
ऑफ यूनिटी':-
597 फीट की
और बेस
सहित 790 फीट
की सरदार
वल्लभ भाई
पटेल की
ये प्रतिमा
गुजरात के
सरदार सरोवर
बांध के
नजदीक बनाई
जानी है।
भारतीय जनता
पार्टी (भाजपा)
के प्रधानमंत्री
पद के
उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी
के विजन
पर ये
प्रतिमा बनाई
जा रही
है। पूरे
देश के
किसानों से
लोहा एकत्रित
किया जा
रहा है।
वर्ष 2010 में इस प्रोजेक्ट की
घोषणा की
गई थी।
सरदार पटेल
की 138 जयंती
पर 13 अक्टूबर,
2013 को नरेंद्र
मोदी ने
इसकी नींव
रखी।
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