पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपना आलीशान सरकारी बंगला छोड़कर अब किराए के घर में रहने गई हैं। सूबे में लगातार 15 वर्षो तक कांग्रेस की हुकूमत चलाने वाली दीक्षित 3, मोतीलाल नेहरू प्लेस स्थित सरकारी कोठी में रहती थीं। लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी खुद उनकी हार के बाद उनसे सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया था। लिहाजा, अब उन्होंने किराए का मकान ले लिया है और इन दिनों अपने नए घर को सहेजने में मशरूफ हैं। उनका नया पता है, सिल्वर आर्क अपार्टमेंट, 22 फिरोजशाह रोड।
गृहप्रवेश के बाद अपने नए घर में पहुंचीं दीक्षित ने दिल्ली के ता
जा राजनीतिक हालात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वो जिम्मेदारी छोड़कर भागे हैं अथवा उनके इस्तीफे की कुछ और वजह है, यह बात दिल्ली की जनता समझ रही है और समय आने पर सही फैसला भी करेगी। दीक्षित ने कहा कि असल बात यह है कि केजरीवाल ने नामुमकिन वायदे जनता से किए। उन्होंने जो कुछ कहा था उसे पूरा करना संभव नहीं था। यह बात उनके 49 दिन के शासन में सामने भी गई। शीला ने कहा कि वो शुरू से कह रही थीं कि आम आदमी पार्टी के वायदे हकीकत से परे हैं। केजरीवाल सरकार के इस्तीफे और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह साबित भी हो गया है।
कांग्रेस की योजनाओं को ही केजरी ने नए तरीके पेश किया
शीला ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार कांग्रेस सरकार द्वारा की गई पहल को नए नाम से और नए तरीके से लोगों के सामने पेश कर ऐसा भ्रम पैदा करने की कोशिश की, मानो वह कुछ अभूतपूर्व करने जा रहे हों। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने भागीदारी योजना शुरू कर दिल्ली के तमाम रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों को शासन में शामिल किया और उनकी राय से नई-नई योजनाएं बनाई। केजरीवाल ने मोहल्ला सभाओं के गठन की बात कह कर उसी भागीदारी योजना को नए तरीके से पेश करने की कोशिश की।
कांग्रेस ने जनता के हित में दिया था समर्थन

यह पूछने पर कि क्या वह मानती हैं कि कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार को समर्थन देकर गलत किया, उन्होंने कहा कि ऐसा मैं नहीं कह सकती लेकिन मैं यह जरूर स्पष्ट करना चाहती हूं कि असल में कांग्रेस ने जनता के हित में केजरीवाल सरकार को समर्थन दिया था। लेकिन उन्होंने जनता से किए वायदे पूरा करने के बदले इस्तीफा दे दिया। अपनी भविष्य की तैयारियों के बारे में पूछने पर शीला ने कहा, मैं फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं कह सकती। उनका इशारा संभवत: इस बारे में कांग्रेस पार्टी द्वारा लिए जाने वाले फैसले की ओर था। हालांकि उनके करीबियों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करेंगी।

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