करीब डेढ़
माह से
उत्तर प्रदेश
व उत्तराखंड
में आतंक
का पर्याय
बनी आदमखोर
बाघिन को
मारने का
बीड़ा बढ़ापुर
के बहुजन
समाज पार्टी
(बसपा) विधायक
मुहम्मद गाजी
ने उठाया
है।
रविवार को
घोड़ी पर
सवार होकर
निकले विधायक
ने दावा
किया है
कि वे
बाघिन को
मारकर क्षेत्र
की जनता
को राहत
दिलाएंगे। ये अलग बात है
कि उनके
पास न
तो बाघिन
का शिकार
करने लायक
हथियार है,
और न
ही दल
में प्रशिक्षित
आदमी।
मुरादाबाद मंडल
व उत्तराखंड
के आसपास
के क्षेत्रों
में अब
तक 10 लोगों
को निवाला
बना चुकी
बाघिन को
मारने के
लिए प्रशिक्षित
शिकारी भी
मैदान में
हैं। लेकिन
कानून को
धता बताते
हुए बसपा
विधायक आदमखोर
की तलाश
में साहूवाला
रेंज में
निकल पड़े।
उन्होंने प्रशासन
से बाघिन
को मारने
की अनुमति
भी नहीं
ली। महज
312 व 315 बोर की रायफल और
बंदूक के
सहारे वे
आदमखोर के
शिकार का
दावा कर
रहे हैं।
कई आदमखोर
बाघों को
मार चुके
हैदराबाद के
नवाब शफाहत
खान का
कहना है
कि घोड़े
पर बैठकर
आदमखोर बाघिन
को नहीं
मारा जा
सकता है।
उसे मारने
के लिए
450 मैग्नम रायफल की जरूरत होती
है। जबकि
बसपा विधायक
का कहना
है कि
किसी में
हिम्मत है
तो मुझे
रोककर दिखाए।
अपने क्षेत्रवासियों
को आदमखोर
बाघिन से
निजात दिलाना
मेरा कर्तव्य
है। हालांकि
नजीबाबाद डीएफओ
पीके राघव
ने भी
बाघिन को
मारने के
लिए प्रशासन
की अनुमति
को अनिवार्य
बताया है।
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