सरकारी विज्ञापनों में सार्वजनिक कोष के दुरपयोग मामले में दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेश पर आम आदमी पार्टी (आप) से वसूली की कार्रवाई शुरूकर दी है। दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने आप संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 97 करोड़ 14 लाख 69 हजार 137 रपए का रिकवरी नोटिस जारी किया है।
देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी मुख्यमंत्री को उसी के सरकारी विभाग ने पैसा देने के लिए रिकवरी नोटिस जारी किया है। विभाग ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन द्वारा दायर याचिका पर हाई कोर्ट में फैसले का हवाला देते हुए यह कार्रवाई की है। आरोप है कि कि केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित विज्ञापन नीति का उल्लंघन किया है। अदालत के अगस्त 2016 के आदेश पर उपराज्यपाल ने विज्ञापन नीति का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय निगरानी समिति को जांच में गलत पाए विज्ञापनों पर खर्च की गई राशि का आकलन करने को कहा था।

समिति ने 16 सितंबर 2016 को रिपोर्ट सौंपी। इसमें केजरीवाल सरकार को दिल्ली से बाहर संचार माध्यमों में विज्ञापन जारी करने, विज्ञापनों में आप का जिक्र करने, अन्य राज्यों की घटनाओं पर मुख्यमंत्री के विचारों के विज्ञापन जारी करने और सरकारी विज्ञापनों में विपक्ष पर निशाना साधने का दोषी पाया गया। इन चारों श्रेणियों के विज्ञापनों पर 97 करोड़ 14 लाख 69 हजार 137 रपए के व्यय की बात कही गई। निदेशालय ने इस राशि में से 42 करोड़ 26 लाख 81 हजार 265 रुपए का भुगतान संबद्ध विज्ञापन एजेंसियों को पहले ही कर दिया था। इस कारण यह राशि तत्काल प्रभाव से सरकारी खजाने में जमा कराने को कहा है।

शेष राशि 54 करोड़ 87 लाख 87 हजार 872 रपए का भुगतान अभी लंबित होने के कारण यह राशि संबद्ध विज्ञापन एजेंसियों को 30 दिन के भीतर देने को कहा है। निदेशालय ने नोटिस में विज्ञापन एजेंसियों को यह विकल्प भी दिया है कि उनके विज्ञापन की समिति द्वारा आंकी गई राशि यदि पूर्वनिर्धारित राशि से कम है तो वह इसे आम आदमी पार्टी से सीधे वसूल सकेंगी। गत माह उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकारी खर्च पर आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की छवि चमकाने वाले विज्ञापन जारी करने के एवज में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को खर्च की गई राशि पार्टी से वसूलने को कहा था।

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