धर्म ग्रंथों के अनुसार, मनुष्य की मृत्यु के बाद यमदूत उसकी आत्मा को यमराज के पास ले जाते हैं। यहां यमराज उसके कर्मों के अनुसार उसे स्वर्ग या नरक में भेजते हैं। नरक में उस व्यक्ति की आत्मा को क्या सजा दी जाएगी, ये भी यमराज ही तय करते हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि यमराज को भी एक ऋषि के श्राप के कारण धरती पर मनुष्य के रूप में जन्म लेना पड़ा था। युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के अंतिम दौर में पूरी स्त्री जाति को एक श्राप दिया था।
क्या था वो श्राप और कुछ ऐसे ही अनोखे श्रापों के बारे में आज आपको बता रहे हैं, जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं-
माण्डव्य ऋषि का यमराज को श्राप
महाभारत के अनुसार, माण्डव्य नाम के एक ऋषि थे। राजा ने भूलवश उन्हें चोरी का दोषी मानकर सूली पर चढ़ाने की सजा दी। सूली पर कुछ दिनों तक चढ़े रहने के बाद भी जब उनके प्राण नहीं निकले, तो राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने ऋषि माण्डव्य से क्षमा मांगकर उन्हें छोड़ दिया। तब ऋषि यमराज के पास पहुंचे और उनसे पूछा कि मैंने अपने जीवन में ऐसा कौन-सा अपराध किया था कि मुझे इस प्रकार झूठे आरोप की सजा मिली।
महाभारत के अनुसार, माण्डव्य नाम के एक ऋषि थे। राजा ने भूलवश उन्हें चोरी का दोषी मानकर सूली पर चढ़ाने की सजा दी। सूली पर कुछ दिनों तक चढ़े रहने के बाद भी जब उनके प्राण नहीं निकले, तो राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने ऋषि माण्डव्य से क्षमा मांगकर उन्हें छोड़ दिया। तब ऋषि यमराज के पास पहुंचे और उनसे पूछा कि मैंने अपने जीवन में ऐसा कौन-सा अपराध किया था कि मुझे इस प्रकार झूठे आरोप की सजा मिली।
तब यमराज ने बताया कि जब आप 12 वर्ष के थे, तब आपने एक फतींगे की पूंछ में सींक चुभाई थी, उसी के फलस्वरूप आपको यह कष्ट सहना पड़ा। तब ऋषि माण्डव्य ने यमराज से कहा कि 12 वर्ष की उम्र में किसी को भी धर्म-अधर्म का ज्ञान नहीं होता। तुमने छोटे अपराध का बड़ा दण्ड दिया है। इसलिए मैं तुम्हें श्राप देता हूं कि तुम्हें शुद्र योनि में एक दासी पुत्र के रूप में जन्म लेना पड़ेगा। ऋषि माण्डव्य के इसी श्राप के कारण यमराज ने महात्मा विदुर के रूप में जन्म लिया।
आगे की स्लाइड्स में जानिए श्रापों से संबंधित कुछ अन्य प्रसंग!!
1. युधिष्ठिर ने क्यों दिया स्त्री जाति को श्राप?
2. स्त्री मिलन के कारण क्यों हुई राजा पांडु की मृत्यु?
3. नागमाता ने क्यों दिया अपने पुत्रों को श्राप?
4. किसके श्राप से नपुंसक बने अर्जुन?
5. श्राप के कारण आज भी भटक रहा है ये महावीर?
6. इस श्राप के कारण हुई राजा परीक्षित की मृत्यु?
7. गुरु परशुराम ने ही दिया था कर्ण को श्राप, क्यों?
8. गांधारी ने क्यों दिया श्रीकृष्ण को श्राप?
9. दक्ष ने क्यों दिया चंद्रमा को श्राप?
10. श्रीगणेश को किसने दिया था श्राप?
11. नारद ने क्यों दिया भगवान विष्णु को श्राप?
12. किस श्राप के कारण वसुओं को लेना पड़ा धरती पर जन्म?
13. इस श्राप के कारण हुआ श्रीकृष्ण के परिवार का अंत?
14. शुक्राचार्य ने क्यों दिया अपने जमाई को श्राप?
15. ये श्राप बना राजा दशरथ की मृत्यु का कारण?
16. तुलसी ने क्यों दिया भगवान विष्णु को श्राप?
1. युधिष्ठिर ने क्यों दिया स्त्री जाति को श्राप?
2. स्त्री मिलन के कारण क्यों हुई राजा पांडु की मृत्यु?
3. नागमाता ने क्यों दिया अपने पुत्रों को श्राप?
4. किसके श्राप से नपुंसक बने अर्जुन?
5. श्राप के कारण आज भी भटक रहा है ये महावीर?
6. इस श्राप के कारण हुई राजा परीक्षित की मृत्यु?
7. गुरु परशुराम ने ही दिया था कर्ण को श्राप, क्यों?
8. गांधारी ने क्यों दिया श्रीकृष्ण को श्राप?
9. दक्ष ने क्यों दिया चंद्रमा को श्राप?
10. श्रीगणेश को किसने दिया था श्राप?
11. नारद ने क्यों दिया भगवान विष्णु को श्राप?
12. किस श्राप के कारण वसुओं को लेना पड़ा धरती पर जन्म?
13. इस श्राप के कारण हुआ श्रीकृष्ण के परिवार का अंत?
14. शुक्राचार्य ने क्यों दिया अपने जमाई को श्राप?
15. ये श्राप बना राजा दशरथ की मृत्यु का कारण?
16. तुलसी ने क्यों दिया भगवान विष्णु को श्राप?
युधिष्ठिर का स्त्री जाति को श्राप
महाभारत के शांति पर्व के अनुसार, युद्ध समाप्त होने के बाद जब कुंती ने युधिष्ठिर को बताया कि कर्ण तुम्हारा बड़ा भाई था तो पांडवों को बहुत दुख हुआ। तब युधिष्ठिर ने विधि-विधान पूर्वक कर्ण का भी अंतिम संस्कार किया। माता कुंती ने जब पांडवों को कर्ण के जन्म का रहस्य बताया तो शोक में आकर युधिष्ठिर ने संपूर्ण स्त्री जाति को श्राप दिया कि- आज से कोई भी स्त्री गुप्त बात छिपा कर नहीं रख सकेगी।
महाभारत के शांति पर्व के अनुसार, युद्ध समाप्त होने के बाद जब कुंती ने युधिष्ठिर को बताया कि कर्ण तुम्हारा बड़ा भाई था तो पांडवों को बहुत दुख हुआ। तब युधिष्ठिर ने विधि-विधान पूर्वक कर्ण का भी अंतिम संस्कार किया। माता कुंती ने जब पांडवों को कर्ण के जन्म का रहस्य बताया तो शोक में आकर युधिष्ठिर ने संपूर्ण स्त्री जाति को श्राप दिया कि- आज से कोई भी स्त्री गुप्त बात छिपा कर नहीं रख सकेगी।
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