म्यानमार में बौद्धों की भीड़ ने एक सप्ताह में दो मस्जिद को जलाकर मुसलमान को वहां से भगा दिया, मुस्लिम डरे हुए है, 

असल में म्यांमार में लोकल ऑथोरिटी ने ब्रिज कंस्ट्रक्शन के लिए मस्जिद के नेताओ को मस्जिद को हटाने के लिए 30 जून की डेडलाइन बताई थी डेडलाइन के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई फिर गाँव वालो ने 2 जुलाई को पूरे गाँव वालो ने उस मस्जिद में आग लगा दी और तोड़ डाला और सभी मुसलमानों और नेताओ को गाँव से भगा दिया, 

म्यानमार में प्रतिदिन मुसलमानों के प्रति रोष बढ़ रहा है, लोकतंत्र के नाम पर स्टेट कौन्सेलर बनी आंग सान सू की भी इस मुद्दे पर चुप है, ऊपर से सू ने मुसलमानों को रोहतंग मानने से भी इंकार कर दिया और कहा ये मुसलमान बंगलादेशी है,  

सभी मुस्लिमो को म्यांमार देश से भगाने और देश को सम्पूर्ण बौद्ध राष्ट्र बनाने में वहां के नागरिको को सरकार का भी सहयोग मिल रहा है, बौद्धों का आरोप है की म्यांमार की शांति और संस्कृति को मुसलमान ख़त्म करना चाह रहे है इसलिए उन्हें मजबूरन हथियार उठाना पड़ा है

आपको बता दें की स्थानीय बौद्ध किसी प्रकार की इस्लामी गतिविधि के खिलाफ हो गए है और यहाँ तक की म्यांमार की सरकार भी बौद्धों के आक्रोश के बीच में आना नहीं चाहती

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