
इस मंदिर में साक्षात स्वयं भगवान विष्णु रात्रि में विश्राम करने आते है जिसका प्रमाण है मंदिर के अंदर पलंग पर बिछाई गई चादर में आई सलवटे व तेल से भरी कटोरी का खाली मिलना है।

जब सवेरे मंदिर का गेट खोला जाता है तो पलंग के सामने रखा कटोरा खाली मिलता है तथा पलंग के पर बिछी चादर पर सलवटे पड़ी हुई होती है जिसमे तेल के छोटे छोटे धब्बे दिखाई देते है। जैसे किसी ने रात्रि के समय मंदिर में प्रवेश किया हो, पलंग पर लेटा हो वहां रखे तेल से अपनी मालिश की हो। मंदिर के पुजारी और लोगो का मानना है की स्वयं भगवान विष्णु यहाँ आते है तथा मालिश करते है इसके बाद वे यही शयन करते है।
मंदिर में होने वाले इस चमत्कार की वास्तविकता की जाँच हेतु कई लोगो ने मंदिर के गेट के बाहर पहरा दिया तथा मंदिर के गेट में हर रोज ताले लगाए जाते है परन्तु हर बार सुबह मंदिर में पलंग पर सलवटे देखने को मिलती है साथ ही तेल का भरा कटोरा खाली मिलता
यहाँ पर भगवान विष्णु राजिव लोचम के नाम से जाने जाते है तथा उनके नाम पर ही इस तीर्थ का नाम राजीव लोचम पड़ा है।
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