15 मई 2016 , नई दिल्ली । हिन्दू धर्मीय गाय को पूज्य मानते हैं, माता
मानते हैं । तब भी गोदरेज समूह के अध्यक्ष अदी गोदरेज ने गोमांसभक्षण का समर्थन करते हुए निष्कारण
अंग्रेजों की दास बनी अपनी बुद्धि दिखाकर कहा है कि ‘वैदिक काल में भारतीय गोमांस
खाते थे । हिन्दू धर्म में बीफ का कहीं भी विरोध नहीं है ।’ वेदों में अनेक
स्थानों पर गोमांसभक्षण की केवल निंदा ही
नहीं की गई है, अपितु गोहत्या करनेवालों को कठोर दंड बताया
है । गोदरेज पारसी समाज के हैं । पारसी धर्मग्रंथ ‘अवेस्ता’ के ‘यस्न, ३८.८’ की दूसरी पंक्ति में ‘गाय, बैल, तथा बछडे के मांस का भक्षण वर्ज्य कहा गया है ।
इसलिए केवल व्यवसायिक दृष्टीकोण सामने रखकर जानबूझकर करोडों हिन्दुआें के
श्रद्धास्थान गोमाता के विषय में अपमानजनक वक्तव्य कर हिन्दुआें की धार्मिक
भावनाएं आहत की हैं । इसलिए अदी गोदरेज पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए तथा
हिन्दू मन्दिरों के गर्भगृह में स्त्रियों को प्रवेश देने के विषय में शासन तथा
न्यायालय परस्पर धर्मपरंपरा भंग न करते हुए हिन्दू धर्म के शंकराचार्य अथवा काशी
विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में यह निर्णय लें । ये मांगे करते हुए सुबह १० से
दोपहर १२ बजे दिल्ली के जंतर मंतर पर
‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ किया गया , जिसमें
सनातन संस्था, वैदिक उपासना पीठ, योग
वेदांत सेवा समिति और हिंदू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता सम्मिलित हुए ।
गोदरेज केवल
मद्य-मांसविक्री करनेवाले उद्योगपतियों की टंकियां भरने के
लिए ही इस प्रकार का विधान कर रहे हैं । देश के उद्योगों की चिंता करनेवाले गोदरेज
नेे देश को धोखा देकर ९ सहस्र करोड रुपए लूटनेवाले मद्यसम्राट विजय मल्ल्या के
विषय में मुंह क्यों बंद रखा है ? गोहत्या के कारण हिन्दू
संस्कृति का नाश हो रहा है । गोदरेज को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि देश के
आर्थिक विकास सहित हिन्दू संस्कृति की रक्षा और संवर्धन होना भी आवश्यक है । इसलिए
हिन्दुआें की भावनाआें का आदर कर गोदरेज को हिन्दुआें की सार्वजनिक क्षमा मांगनी
चाहिए अन्यथा हिन्दू गोदरेज समूह के सभी उत्पादनों का बहिष्कार करें, ऐसा आवाहन भी इस समय हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया ।
* इस समय की गई अन्य मांगें ....
१. देहली विश्वविद्यालय की
पाठ्यपुस्तक में हुतात्मा भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, सूर्यसेन आदि क्रांतिकारियों को ‘आतंकवादी’ सिद्ध करनेवाले सर्व संबंधितों
पर राष्ट्रपुरुषों का घोर अपमान करने के लिए अपराध प्रविष्ट करें ।
२. ‘भूमाता ब्रिगेड’ जैसे
धर्मविरोधी संगठनों के मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने हेतु धर्मविरोधी आंदोलन
कर रहे हैं । ये आंदोलन राजनैतिक अवसरवादिता और प्रसिद्ध होने की लालसा के लिए किए
जा रहे हैं । इसलिए ऐसे प्रसिद्धीलोलुप
आंदोलन कर सामाजिक शांति भंग करनेवाले पुरोगामियों पर कठोर कानूनी कार्यवाही की
जाए ।
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