नमामी देवी नर्मदे सेवा यात्रा के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से शराब की दुकानें बंद करने की बात कही। उन्होंने कहा कि नशा नाश की जड़ है नशे से कोई फायदा नहीं। नर्मदा मैया से 5 किमी की परिधि में स्थित शराब दुकानें बंद कर दी गईं हैं।

नशे के खिलाफ अभियान चले, हर स्कूल, धार्मिक स्थल, रिहायशी इलाकों में भी शराब दुकानें बंद होगीं। शराब की दुकानें चरणबद्ध तरीके से बंद की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने जिले में 4 गौशालाएं शुरू कराने की बात कही। उन्होंने गुरुगुफा के दर्शन और उसके महत्व को रेखांकित करते हुए 1857 की क्रांति में राजा हिरदेशाह एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को भी बताया।

इलाहाबाद में शराब की दुकान के विरोध में महिलाओं ने घेरा थाना

नीमखेड़ा हीरापुर में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह फसलें और खेतों से जो उत्पादन मिल रहा है यह सब माता नर्मदा का आशीष है। बिजली-पानी सब मां ने दिया, हम स्नानकर पाप मुक्त होते है। लेकिन हमने नर्मदा मैया को क्या दिया। अमरकंटक से बड़वानी तक जंगल काट दिए, मां नर्मदा पेड़ो की जड़ो से निकलतीं हैं हमनें पेड़ों का विनाश किया, हम सब दोषी है। पेड़ो के विनाश से नर्मदा की धार कम हो गई है। जिले में पहले रेत से पानी के बुलबुले निकलते थे, हमनें क्षिप्रा, बेतवा और ताप्ती की धार टूटते देखी है। जिस दिन मां नर्मदा की धार टूट गई हमारा जीवन टूट जाएगा।




मुख्यमंत्री चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ यात्रा कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने मंच से कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा जनता की यात्रा बन गई है, नर्मदा के दोनों तरफ पेड़ लगाए जाएगें, 2 जुलाई को नर्मदा तट पर लाखों लोग पेड़ लगाएंगें। पेड़ लगेगें तो हरियाली चुनर मां को ओढ़ा देगें। उन्होंने कहा कि खेती के साथ पेड़ भी लगाएं। जो किसान पेड़ लगाएंगे उन्हें तीन साल तक सरकार मुआवजा देगी।

वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा में गंदा पानी मिल रहा है इसे रोकने सरकार एक योजना तैयार कर रही है। सब मिलकर चलेगें तो नर्मदा को प्रदूषण से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नर्मदा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएगें।

नर्मदा संकट को उबारने वाली

कार्यक्रम में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि हम नर्मदा यात्रा के प्रसंग में जुटे हैं। इस स्थान पर बहुत से ऋषि मुनि तपस्या किया करते थे। भगवान आदि शंकराचार्य ने बताया कि आत्मा में कोई भेद नहीं। जब किसी का किसी से प्रेम होता है तो वह आत्मीय होता है। इसमें बैर का कोई स्थान नहीं। व्यक्ति तृष्णाओं के पीछे भाग रहा है। अध्यात्म की शिक्षा भगवान आदि शंकराचार्य जी ने अपने गुरु से प्राप्त की। भगवान शंकराचार्य ने नर्मदाष्टक की रचना की।

उन्होंने बताया जो नर्मदा के दर्शन का करता है जल पीता है इसमें स्नान करता है वह पापमुक्त हो जाता है। नर्मदा संकट को उबारने वाली है। नदियां अनेक हैं पर परिक्रमा सिर्फ माँ नर्मदा की होती है। नर्मदा के पाषाण शंकर का रूप हो जाते हैं। जो धर्म को मानते है उन्हें लाभ मिलता है। सभी जाति के लोगों को बराबर शिक्षा मिले। हमारे हिन्दू बधाों को भी गीता रामायण पढाई जाए। शासन लोगों को धर्म से जोड़े।

जिसे भगवान का भय नही वह धर्म का पालन नही करता। गौचर भूमि को नष्ट कर दिया। गौचर भूमि से चरान होने से

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