सनातन संस्था वाराणसी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति

१९.१२.२०१४, फरीदाबाद, हरियाणा । पश्चिमी संस्कृतिका अन्धानुकरण करते हुए भारतमें भी नवीन वर्ष नवसंवत्सरारंभके स्थानपर ३१ दिसम्बरकी मध्यरात्रि १२ बजे मनानेकी कुप्रथा बढ रही है । इस रात्रिको तीर्थक्षेत्र, पर्यटनस्थल, ऐतिहासिक एवं सार्वजनिक स्थानोंपर मद्यपान-धूम्रपान करना, वेगसे वाहन चलाकर दुर्घटना करना, पटाखे जलाकर प्रदूषण करना, ध्वनिवर्धकपर कर्णकर्वâश स्वरमें संगीत लगाना, अश्लील हाव-भावकर नृत्य करना, युवतियों-महिलाओंको छेडना आदि कुकृत्य होते हैं । सनातन संस्था वाराणसी ने ये अनुचित कृत्य रोकनेके लिए एक विशेष अभियानका आयोजन किया है तथा एक प्रसिद्धीपत्रक प्रकाशितकर आवाहन किया है कि उस अभियानमें सभी सम्मिलित हों तथा सभी आगे आएं । सनातन संस्था वाराणसी द्वारा यहांके एम.वी.एम. स्कूलके ५०० विद्यार्थियोंको ३१ दिसंबर न मनाने हेतु पत्रक बांटकर प्रबोधन किया गया ।
            इस पत्रकमें कहा गया है कि एक ओर राष्ट्र विविध समस्याओं तथा आतंकवादका सामना कर रहा है तथा युवा पीढी अनुचित कृत्य कर, विनाशके मार्गपर चल रही है । यह रोकनेके लिए ही सनातन संस्था वाराणसी तथा समविचारी संगठनोंने जनप्रबोधनार्थ विविध अभियान चलाए हैं । इसके साथ ही ३१ दिसम्बरको महानगरोंके प्रमुख किले, तीर्थक्षेत्र, पर्यटनस्थल, ऐतिहासिक तथा सार्वजनिक स्थानोंपर मद्यपान, धूम्रपान एवं पार्टियोंको प्रतिबंधित करने हेतु शासन आदेश पारित करें । संस्था की ओरसे आवाहन किया जा रहा है कि नागरिक भी पश्चिमी संस्कृतिके अनुसार नववर्ष मनानेके स्थानपर भारतीय संस्कृतिके अनुसार नवसंवत्सरारंभको आदर्श पद्धतिसे नववर्ष मनाकर आनन्द उठाएं ।       

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