राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति
१४.१२.१४,
जंतर
मंतर, नई दिल्ली । धर्मनिरपेक्ष संविधान कहलाए जानेवाले हिन्दुस्थानमें कर्नाटक
राज्यके बेंगलुरुकी ‘साऊथ एशिया इंस्टिट्यूट अॅडव्हान्स्ड
क्रिस्चियन स्टडिज’ नामक शिक्षा संस्था ईसाई
धर्मका प्रचार और धर्मान्तरणसम्बन्धी सीधे पाठ्यक्रम ही चला रही है । यह केवल एक
प्रातिनिधिक उदाहरण है । देशमें अनेक स्थानोंपर इस प्रकारकी ईसाई शिक्षा
संस्थाओंके माध्यमोंसे छिपकर अथवा दिनदहाडे धर्मान्तरणकी
घटनाएं होनेकी तीव्र सम्भावना है । ईसाई संस्थाओंद्वारा आरम्भ किया यह प्रकार
अत्यन्त गम्भीर है । अतः ‘साऊथ एशिया इंस्टिट्यूट अॅडव्हान्स्ड
क्रिस्चियन स्टडिज’ जैसी शिक्षा
संस्थाओंद्वारा होनेवाला धर्मान्तरण रोकनेके लिए ऐसी संस्थाएं तत्काल बन्द कर उनपर
कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए । साथ ही ईसाई नववर्षके निमित्त ३१ दिसम्बरकी रातमें
होनेवाली अनुचित घटनाएं रोकनेके लिए शासन ठोस कदम उठाए, इन मांगोंके लिए सुपह ११
से १ बजे जंतर मंतरपर राष्ट्रीय हिन्दू आन्दोलन किया गया ।
ऐसी सभी घटनाओंका अर्थ है - भारत शासनकी आंखोंमें धूल झोंककर शिक्षाके नामपर धर्मान्तरणका उद्योग दिनदहाडे
ऊंचे सिरसे करनेका प्रयत्न । ‘साऊथ एशिया इंस्टिट्यूट अॅडव्हान्स्ड क्रिस्चियन स्टडिज’ जैसी संस्थाओंके कारण इस देशकी अखण्डता और एकात्मता संकटमें आ रही है ।
धर्मान्तरणकी इन समस्याओंके कारण सामाजिक तथा कानून-सुव्यवस्थाका प्रश्न भी
उत्पन्न हो सकता है । वर्तमानमें पाश्चात्य प्रथाओंके बढते अन्धानुकरणके कारण
हमारे देशमें भी नववर्ष नवसंवत्सरकी अपेक्षा ३१ दिसम्बरकी मध्यरात्रि १२ बजे
मनानेकी कुप्रथा बढती जा रही है । इस रातमें युवकोंद्वारा मद्यपान तथा नशीले
पदार्थोंका सेवन करना बढता जा रहा है । इससे लडकियोंकी छेडछाड होकर कानून एवं
सुव्यवस्थाके सन्दर्भमें गम्भीर ाqस्थति उत्पन्न हो रही है । पाश्चात्त्य विकृतिका
अन्धानुकरण करनेसे भारतीय संस्कृतिका हो रहा अध:पतन रोकना, हम सभीका आद्यकर्तव्य है ।
अतः इस सन्दर्भमें हमारी
मांगे इस प्रकार हैं....
१. धर्मान्तरणको बढावा देनेवाली संस्थाएं ढूंढनेके लिए एक स्वतन्त्र विभाग
निर्माण कर उसके द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाए ।
२. भारतमें इस प्रकारकी शिक्षा संस्थाओंको मान्यता मिलना एक गम्भीर बात है । ऐसी
संस्थाओंको मान्यता देनेवाले, आर्थिक सहायता करनेवाले सभी सम्बाqन्धत शासकीय कार्यालयोंपर
भी कठोर संवैधानिक कार्यवाही की जाए ।
३. धर्मान्तरण करनेवाली ईसाई संस्थाओंको अर्पणरराशि देनेवाली विदेशी संस्थाओंपर
कार्यवाही की जाए ।
४. शासनकी ओरसे रातमें मदिरालय खुले रखनेकी छुट निरस्त की जाए । साथ ही अबकारी कर
विभागको अधिक मद्यबिक्री करनेका लक्ष्य न दिया जाए ।
Post a Comment