तेलंगाना बिल को लोक सभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले संसद में हंगामा करने के आरोपी सांसदों के घुसने की आशंका को देखते हुए लोकसभा के सारे दरवाजे बंद कर दिए गए तथा टीवी पर लाइव प्रसारण भी रोक दिया गया। बुधवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इसी के साथ यह आशंका जताई जा रही है कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ वहां के मुख्यमंत्री किरण रेड्डी बुधवार को इस्तीफा दे सकते हैं। उम्मीद यह भी है कि रेड्डी इस्तीफा देने के बाद अपनी एक अलग पार्टी बना सकते हैं। वाइएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि आज लोकतंत्र का काला दिन है।
सदन में तेलंगाना बिल के पास होने की खबर मिलते ही तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। वहीं लोकसभा में वोटिंग के दौरान जदयू ने सदन का बहिष्कार किया। शरद यादव ने कहा कि किसी राज्य के बंटवारे के दौरान संसद में ऐसा हंगामा हमने नहीं देखा था।
गौरतलब है कि 12 फरवरी को भारी हंगामे के बीच लोकसभा में तेलंगाना बिल पेश किया गया था। उस वक्त भाजपा समेत कई दलों ने इस बिल के पेश होने पर आपत्ति जताई थी। इसी मुद्दे पर सोमवार को भी लोकसभा में अंतरिम बजट के दौरान नारेबाजी जारी रही थी। इस मुद्दे पर कल सीमांध्र के सांसद और नेताओं ने दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी।
तेलंगाना मुद्दे पर वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी भी कल जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे। उन्होंने कांग्रेस पर इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम बनाने की जुगत में लगी हुई है।
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